भारत सरकार
डॉक्टरों के लिए औद्योगिक स्वास्थ्य पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का महत्व इस बात में निहित है कि यह उनकी विशेषज्ञता और ज्ञान को बढ़ाता है, जिससे वे औद्योगिक वातावरण से संबंधित स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने और प्रबंधन करने के लिए आवश्यक कौशल प्राप्त करते हैं।
औद्योगिक स्वास्थ्य में तीन माह की अवधि वाला प्रशिक्षण कार्यक्रम भारतीय आधुनिक चिकित्सा के पंजीकृत चिकित्सकों को इस प्रकार तैयार करता है कि वे औद्योगिक प्रतिष्ठानों में कार्यरत एक सक्षम व्यावसायिक स्वास्थ्य चिकित्सक (Occupational Health Physician) के रूप में कार्य कर सकें।
प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद प्रतिभागियों को "एसोसिएट फेलो इन इंडस्ट्रियल हेल्थ" (AFIH) की उपाधि और एक प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा।
यह तीन माह का पूर्णकालिक, नियमित, ऑफलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जिसमें व्याख्यान श्रृंखला, प्रयोगशाला कार्य, प्रायोगिक कार्य, प्रदर्शन और ट्यूटोरियल, शैक्षणिक/उद्योग भ्रमण, विशेष क्लिनिकल एक्सपोजर और परियोजना कार्य शामिल हैं।
प्रायोगिक, ट्यूटोरियल और प्रदर्शन संबंधी गतिविधियाँ पाठ्यक्रम के दैनिक शैक्षणिक कार्यक्रम का अभिन्न हिस्सा हैं, जिसमें औद्योगिक चिकित्सा, औद्योगिक स्वच्छता, सुरक्षा, स्टाफ प्रशिक्षण और उत्पादकता, मानव शरीर विज्ञान, औद्योगिक मनोविज्ञान जैसी विभिन्न विषय-वस्तुओं का समावेश है।
औद्योगिक चिकित्सा और औद्योगिक स्वच्छता की प्रयोगशालाएँ तथा उद्योगों और उनके व्यावसायिक स्वास्थ्य केंद्रों का क्षेत्र भ्रमण, वहाँ के मौजूदा व्यावसायिक स्वास्थ्य प्रणाली को समझने के लिए पाठ्यक्रम का मूल और अनिवार्य भाग हैं।
विभिन्न उद्योगों में पाए जाने वाले व्यावसायिक स्वास्थ्य विकारों/बीमारियों की पहचान करना और उनका प्रबंधन करना, साथ ही रासायनिक विषाक्तता से उत्पन्न चोटों, दुर्घटनाओं और बीमारियों का प्रबंधन करना, विशेष रूप से खतरनाक प्रक्रियाओं वाले उद्योगों में।
इन व्यावसायिक स्वास्थ्य समस्याओं की रोकथाम और नियंत्रण के उपाय सुझाना।
औद्योगिक श्रमिकों के व्यावसायिक स्वास्थ्य, उत्पादकता और समृद्धि को बढ़ावा देने हेतु राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में परामर्श देना, निगरानी करना और भाग लेना।
यह पाठ्यक्रम 1992 में केंद्रीय श्रम संस्थान, मुंबई में प्रारंभ किया गया था।
इस प्रशिक्षण का मूल विचार "सामर्थ्य" (Competency) पर आधारित है, अर्थात – ज्ञान, तकनीकी कौशल, नैदानिक सोच, संवाद, भावनाएँ, मूल्य और चिंतनशीलता का नियमित और सुसंगत उपयोग – जो श्रमिकों (व्यक्तियों) और उद्योग (समुदाय) की सेवा में दैनिक अभ्यास के रूप में किया जाए।
सामर्थ्य आधारित पाठ्यक्रम संरचना यह सुनिश्चित करती है कि प्रशिक्षणार्थी केवल अंतिम परीक्षा तक सीमित न रहकर, अपने संपूर्ण पेशेवर जीवन में वांछित व्यवहार का लगातार प्रदर्शन करें।
AFIH पाठ्यक्रम का नया सामर्थ्य आधारित पाठ्यक्रम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उद्योगों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, जिसमें सतत विकास पर विशेष बल दिया गया है।
पाठ्यक्रम दिशानिर्देश खोलने के लिए यहाँ क्लिक करें।